मस्अला:- जिन नमाज़ों में कयाम (खड़ा होना) फर्ज़ है, उनमें तकबीरे-तहरीमा के, लिये भी कयाम फर्ज है।

अगर किसी ने बैठकर 'अल्लाहो अकबर' कहा, फिर खड़ा हो गया, तो उसकी नमाज़ शुरु ही न हुई।

#(दुर्रे मुख़्तार; आलमगीरी)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी  अह्-लिया मोहतरमा

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