मस्अला:- नमाज़ में ऐसी दुआ करना कि जिसका सवाल बंदे से भी किया जा सकता है, मुफसिदे-नमाज़ है।
मस्लन येह दुआ की कि- 'अल्लाहुम्मा-अत्इमनी' या'नी ए अल्लाह ! मुजे खाना खिला', या 'अल्लाहुम्मा-ज़व्विजनी' या'नी ए अल्लाह ! मेरा निकाह करा दे, तो नमाज़ फासिद हो जाएगी।
#(आलमगीरी; बहारे-शरीअत हिस्सा-3, सफ़ा-151)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/namaz.html
मस्लन येह दुआ की कि- 'अल्लाहुम्मा-अत्इमनी' या'नी ए अल्लाह ! मुजे खाना खिला', या 'अल्लाहुम्मा-ज़व्विजनी' या'नी ए अल्लाह ! मेरा निकाह करा दे, तो नमाज़ फासिद हो जाएगी।
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