मस्अला:-  बा'ज़ (कुछ) लोग इमाम को रुकूअ में पा लेने की गरज से जल्दी-जल्दी रुकूअ में जाते हुए तकबीरे-तहरीमा कहते हैं और ज़कने की हालत में तकबीरे-तहरीमा कहते हैं, उनकी नमाज़ नहीं होती।

उनको अपनी नमाज़ फिर से दोबारा पढ़नी चाहिये।

#(फतावा रिज़वीया, जिल्द-3, सफ़ा-393)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी  अह्-लिया मोहतरमा

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