मस्अला:-
जो शख्स तकबीर के तलफ्फुज़ पर कादिर न हो, मस्लन गूंगा (मूंगा-Dumb) हो या
किसी वजह से जुबान बंध हो गई हो, उस पर तलफ्फुज या'नी मुंह से बोलना वाजिब
नहीं। दिल में इरादा काफी है, या'नी दिल में कह ले।
#(दुर्रे मुख़्तार)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/namaz.html
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