मस्अला:- जो शख्स तकबीर के तलफ्फुज़ पर कादिर न हो, मस्लन गूंगा (मूंगा-Dumb) हो या किसी वजह से जुबान बंध हो गई हो, उस पर तलफ्फुज या'नी मुंह से बोलना वाजिब नहीं। दिल में इरादा काफी है, या'नी दिल में कह ले।

#(दुर्रे मुख़्तार)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी  अह्-लिया मोहतरमा

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