मस्अला:- अगर हालते नमाज़ में बदन के किसी मकाम पर खुजली आए, तो बेहतर येह है कि जब्त (संयम-Control) करे और अगर ज़ब्त न हो सके और उसके सबब (कारण) से नमाज में दिल परेशान हो, तो खुजा ले मगर एक रूक्न मस्लन कयाम, या कुउद या रूकूअ या सुज़ुद में तीन (3) मरतबा न खुजाए, सिर्फ दो (2) मरतबा तक खुजाने की इजाज़त है।

#(फतावा रिज़वीया जिल्द-3 सफ़ा-446)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी  अह्-लिया मोहतरमा

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