मस्अला:-
कुरआने मजीद को नमाज में पढ़ने में ऐसी गलती करना कि जिसकी वजह से
फसादे-मा' ना (अर्थ का अनर्थ-Depravity of Meaning) हो तो नमाज़ फासिद हो
जाएगी।
#(फतावा रिज़वीया जिल्द-3 सफ़ा-135)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/namaz.html
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