मस्अला:- मस्बूक या'नी वोह मुक्तदी जो जमाअत में शामिल हुआ मगर उस की एक या ज्यादा रकअतें छूट गई हैं, वोह मुक्तदी इमाम के सलाम फैरने के बाद अपनी फौत शुदा (छुटी हुई) रकअतें पढ़ेगा।

उस मस्बूक मुक्तदी ने येह खयाल कर के कि इमाम के साथ सलाम फैरना चाहिये, और उसने इमाम के साथ सलाम फैर दिया, तो उसकी नमाज़ फासिद हो गई।

#(आलमगीरी; बहारे शरीअत हिस्सा-3 सफ़ा-149)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी  अह्-लिया मोहतरमा

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