〽️फ़िरऔन
की क़ौम ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को सताया तो मूसा अलैहिस्सलाम की
बद्-दुआ से उन पर पानी का अज़ाब आ गया। जिस में वो बुरी तरह घिर गए और फिर
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ही से इलतिजा करने लगे की इस अज़ाब के टल जाने की
दुआ कीजिए। हम आप पर ईमान ले आएंगे।
हज़रत मूसा अलेहिस्सलाम ने दुआ फ़रमाई तो पानी का अज़ाब टल गया और वही पानी रहमत की शक़्ल में तब्दील होकर ज़मीन की सरसब्ज़ी व शादाबी का मौजिब बन गया, खेतियाँ खूब हुईं दरख़्त खूब फले इस तरह की सरसब्ज़ी पहले कभी ना देखी थी फ़िरऔनी कहने लगे कि पानी तो नओमत था, हमें मूसा पर ईमान लाने की क्या हाजत है।
चुनाँचे वो मग़रूर अपने अहेद से फिर गए तो मूसा अलैहिस्सलाम ने फिर उनके लिए बद्-दुआ की और एक महीना आफ़ियत से गुज़र जाने के बाद अल्लाह ने फिर उन पर टिड्डियाँ भेज दीं जो खेतियाँ और दरख़्तों के फल हत्ता की फ़िरऔनियों के दरवाज़े और छतें भी खा गईं और क़ुद्रते हक़ का करिश्मा देखिये कि टिड्डियाँ फ़िरऔनियों के घरों में घुस आईं मगर बनी इस्राईल के घरों में मतलक़ ना गईं।
तंग आकर उन मग़रूरों ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से फिर इस अज़ाब के भी टल जाने की इलतिजा की और
हज़रत मूसा अलेहिस्सलाम ने दुआ फ़रमाई तो पानी का अज़ाब टल गया और वही पानी रहमत की शक़्ल में तब्दील होकर ज़मीन की सरसब्ज़ी व शादाबी का मौजिब बन गया, खेतियाँ खूब हुईं दरख़्त खूब फले इस तरह की सरसब्ज़ी पहले कभी ना देखी थी फ़िरऔनी कहने लगे कि पानी तो नओमत था, हमें मूसा पर ईमान लाने की क्या हाजत है।
चुनाँचे वो मग़रूर अपने अहेद से फिर गए तो मूसा अलैहिस्सलाम ने फिर उनके लिए बद्-दुआ की और एक महीना आफ़ियत से गुज़र जाने के बाद अल्लाह ने फिर उन पर टिड्डियाँ भेज दीं जो खेतियाँ और दरख़्तों के फल हत्ता की फ़िरऔनियों के दरवाज़े और छतें भी खा गईं और क़ुद्रते हक़ का करिश्मा देखिये कि टिड्डियाँ फ़िरऔनियों के घरों में घुस आईं मगर बनी इस्राईल के घरों में मतलक़ ना गईं।
तंग आकर उन मग़रूरों ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से फिर इस अज़ाब के भी टल जाने की इलतिजा की और