सैय्यदा आयेशा रदिअल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हारिस बिन हेशाम ने पुछा या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम आप पर वही किस तरह नाज़िल होती है?

रसूल-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फ़रमाया कभी तो घंटे की आवाज़ की मानिंद और वह मेरी तबियत पर बहुत गिरां होती है फिर जब वह पैग़ाम याद कर लेता हूँ तो यह कैफ़ियत ख़त्म हो जाती है और कभी फ़रिश्ता इंसान की सूरत में मेरे पास आता है और मुझसे हम-कलाम होता है और और जो वह कहता है उसे याद कर लेता हूँ।

सैय्यदा आयेशा रदिअल्लाहु अन्हा का कहना है कि मैंने कड़ाके की सर्दी में आप सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम पर वही नाज़िल होती देखी, जब वही मौक़ूफ़ हो जाती तो आप सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की पेशानी से पसीना बह निकलता।

📕»» बुख़ारी शरीफ, किताबुल वही, हदीस नंबर- 2 #सहीह हदीस
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा

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