इब्ने शहाब ने कहा की अबू सलमा बिन अब्दुर रहमान ने मुझे खबर दी की हज़रत जाबीर बिन अब्दुल्लाह अंसारी रदिअल्लाहु अन्हु वही के रुकने का हाल बयान कर रहे थे उन्होंने कहा, जिस वक़्त मैं (नबी) जा रहा था तो मैंने आसमान से एक आवाज़ सुनी, मैंने नज़र उठायी तो मैंने देखा की वोही फ़रिश्ता था, जो मेरे पास गार-ए-हिरा में आया था वो आसमान और ज़मीन के दरमियान कुरसी पर बैठा था, मैं उससे मार'ऊब हो कर लौट आया।

मैने कहा मुझे चादर ओढ़ा दो, फिर अल्लाह त'आला ने यह आयत नाज़िल फ़रमायी, ऐ कम्बल पोश पैगम्बर उठो और लोगों को डराओ, अपने रब की अज़मत बयान करो, अपने लिबास को साफ़ सुथरा रखो और बुतों से अलग रहो।

फ़िर बा कसरत वही का नुज़ूल हुवा और लगातार वही आने लगी।

अबदुल्लाह बिन युसूफ और अबू सौलेह ने (लैस से रिवायात में) यह्-या बिन बाकीर की मुतबे'अत की और हेलाल बिन रवाद ने (इब्ने शहाब) ज़ोहरी से रिवायात में अक़ील की मुतबे'अत की है, यूनूस और म'ओमार ने फावदा की जगह बावद्रा बयाँ किया (यानि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम का दिल कपकपा रहा था, की बजाये कहा है की, नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के कांधो के दरमियान गोश्त कपकपा रहा था)

📕»» बुख़ारी शरीफ, किताबुल वही, हदीस नंबर- 4 #सहीह हदीस
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरम
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