〽️हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के हाथ में एक असा था। ऐ मूसा! ज़रा इस असा को ज़मीन पर तो डालो। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने उसे ज़मीन पर डाला तो वो एक खौफनाक साँप बनकर लहराने लगा।

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने ये मंज़र देखकर पीठ मोड़ ली और पीछे मुड़कर ना देखा।

ख़ुदा ने फ़रमाया- ऐ मूसा! डरो नहीं। इसे पकड़ लो। ये फिर वही असा बन जाएगा।

चुनाँचे आपने उस साँप को पकड़ा तो वो फिर असा बन गया। अल्लाह तआला ने ये भी एक मओजज़ा अता फरमा कर मूसा अलैहिस्सलाम से फ़रमाया की अब फिरऔन की तरफ़ जाओ और उसे डराओ और उसको समझाओ की वो कुफ़्र व तुगयानी को छोड़ दे। और अगर वो मओजज़ा तलब करे तो ये असा डाल कर उसे दिखाओ

#(क़ुरआन करीम, पारा-16, रूकू-10, पारा-20, रूकू-7)


🌹सबक़ ~
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अंबिया अलैहिमुस्सलाम को अल्लाह तआला ने बड़े-बड़े मओजज़ात अता फ़रमाए हैं और वो ऐसे-ऐसे काम कर दिखाते हैं जो दूसरे हर गिज़ नहीं कर सकते।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 88-89, हिकायत नंबर- 74
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा

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