〽️फ़िरऔन की एक बेटी थी। फलबहरी का मर्ज़ था। फ़िरऔन ने उसका बड़े-बड़े अत्तिबआ से इलाज कराया मगर वो अच्छी ना हुई। आखिर फ़िरऔन ने काहिनों से उसके मुतअल्लिक़ पूछा तो उन्होंने बताया की उसको शिफ़ा दरिया से मिलेगी।

चुनाँचे एक दिन फ़िरऔन और उसकी बीबी आसिया और फ़िरऔन की बेटी, दरिया के किनारे बैठे थे की हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का संदूक बहता हुआ आया। जब ये संदूक फ़िरऔन के सामने लाया गया और खोला तो मूसा अलैहिस्सलाम नज़र आए जो अपने अंगूठे को चूस रहे थे। फ़िरऔन की बीबी आसिया को, मूसा अलैहिस्सलाम बड़े प्यारे लगे और उसने उन्हें उठा लिया और फ़िरऔन की बेटी ने मूसा अलैहिस्सलाम को देखा तो उसे भी ये नूरानी बच्चा बड़ा प्यारा लगा और उसने आपके दहन मुबारक की थूक मुबारक लेकर अपने बदन पर मल ली। इस थूक मुबारक के असर से फ़िरऔन की बेटी का फलबहरी का मर्ज़ फ़ौरन जाता रहा।

#(नुजहत-उल-मजालिस, सफ़ा-208, जिल्द-2)


🌹सबक़ ~
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अम्बिया_ ए_किराम की थूक मुबारक भी दाफ़ऐ_उल_बलाए होती है फिर जिन लोगों की थूक बीमारी के ख़तरनाक जरासीम का घर हो वो उन नफूस क़ुदसिया की मिस्ल कैसे हो सकते हैं❓

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 84-85, हिकायत नंबर- 69
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा

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