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रमजान ऊल मुबारक का महीना अल्लाह तआला की रहमतों का खजाना है। जितनी भी असमानी किताबें नाजील हुई सब की सब रमजान ऊल मुबारक में नजील हुई

•तौरात, •जबुर, •इंजील, •कुरआन-ए-करिम, या जो सहीफे नाजील हुए।

इसलिए यह महीना अल्लाह तआला की खास रहमतों का महीना है।

✴उसकी रहमतों की इन्तेहा देखीए की नबी-ए-करिम (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) जो नबी-ए-रहमत हैं ओ भी इस महीने का आने का इन्तेजार फरमाते थें।

♥️ हदीस : इसलिए एक दुआ आप (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने इरशाद फरमाया-
"अल्लाह हमे रज्जब और शबान मे बरकत अता फरमा दे और खैरीयत से हमे रमजान ऊल मुबारक तक पहुंचा।"

📕»» सुकुन-ए-खाना, पेज-227/28

✴अल्लाह के रसुल (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) जिस महीने तक पहुंचे की तमन्ना फरमाते हो उस महीने की
बरकत का अन्दाजा तो इसी से भी लगया जा सकता है।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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