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♥️ हदीस : हजरत अबु हुरैरा (रजीअल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की,

रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया--

जो ईमान की वजह से और सवाब के लिए रमजान का रोजा रखेगा उसके गुनाह बख्श दिया जाएगा,

और जो ईमान और सवाब की नियत से रमजान की रातों के क्याम करेगा (नवाफिल पढ़ेगा) उसके अगले गुनाह मुआफ कर दिये जाएगें।

📕»» बुखारी, मुस्लिम शरिफ


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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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