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♥️ मफ़हुम-ए-हदीस :  हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते हैं--

बेशक अल्लाह तआला ने तुम पर रमजान के रोजो को फर्ज किया है

और मैनें तुम्हारे लिए इसकी रात की इबादतों को मसनुन किया,

बस जो कोई इमान के साथ और तलबे सवाब की नियत से इसके रोजे रखेगा

और इसकी इबादत को अंजाम देगा तो वह अपने गुनाहो से उस दिन की तरह पाक हो जाएगा जिस दिन उसकी
मां ने उसको पैदा किया था।

📕»» निशाई शरिफ

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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