___________________________________

♥️ हदीस : अबु हुरैरा (रजीअल्लाहु अन्हु) से मरवी है की--
रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने --
बगैर कुछ खाये पिये रोजे से रोजे मिलाकर रखने से मना फरमाया,

✴तो एक सहाबा ने अर्ज किया की -- "या रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ! आप तो इसी तरह रोजे रखते हैं।"

✴तो आप (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया--
"तुम मे मेरे जैसा कौन है?? मै तो इस हाल मे रात गुजारता हुं की मेरा रब मुझे खिलाता पिलाता है।"

📕»» बुखारी शरिफ, जिल्द-1, सफा-263, मुस्लिम, जिल्द-1, सफा-351

🔹एक और रिवायत मे है--

♥️ हदीस : नबी ए करिम (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया--


"विसाल (विसाल ये है की इफ्तार के वक्त कुछ खाये पिये बगैर मुसलसल रोजे रखने) से बचो।"

लोगो ने अर्ज किया - "आप भी तो विसाल करते हैं"

आपने फरमाया - "मुझे तो मेरा रब खिला-पिला देता है इतनी तकलीफ उठाओ जितनी ताकत है।"

📕»» सही बुखारी, हदीस-1844

------------------------------------------------------------
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

🔴इस उनवान के दीगर पार्ट के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/ramzan.html