___________________________________
सवाल:- तकदीर किसे कहते हैं ❓
जवाब:- दुनियां में जो कुछ होता है और बन्दे जो कुछ भलाई बुराई करते हैं खुदायेतआला ने उसे अपने इल्म के मुआफिक पहले से लिख लिया है उसे तक़दीर कहते हैं।
सवाल:- क्या अल्लाहतआला ने जैसा हमारी तकदीर में लिख दिया है हमें मजबूरन वैसा करना पड़ता है ❓
जवाब:- नहीं, अल्लाहतआला के लिख देने से हमें मजबूरन वैसा करना नहीं पड़ता है बल्कि हम जैसा करने वाले थे अल्लाह तआला ने अपने इल्म से वैसा लिख दिया अगर किसी की तकदीर में बुराई लिखी तो इस लिए कि वह बुराई करने वाला था, अगर वह भलाई करने वाला होता तो खुदायेतआला उसकी तकदीर में भलाई लिखता।
खुलासह यह कि खुदायेतआला के लिख देने से बन्दा किसी काम के करने पर मजबूर नहीं किया
गया।
तकदीर हक है उसका इन्कार करने वाला गुमराह बदमज़हब है।
📕 अनवारे शरीअत, पेज: 16-17
___________________________________
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 इस किताब के दिगर पोस्ट के लिए क्लिक करिये -
https://MjrMsg.blogspot.com/p/anware-shariat.html
सवाल:- तकदीर किसे कहते हैं ❓
जवाब:- दुनियां में जो कुछ होता है और बन्दे जो कुछ भलाई बुराई करते हैं खुदायेतआला ने उसे अपने इल्म के मुआफिक पहले से लिख लिया है उसे तक़दीर कहते हैं।
सवाल:- क्या अल्लाहतआला ने जैसा हमारी तकदीर में लिख दिया है हमें मजबूरन वैसा करना पड़ता है ❓
जवाब:- नहीं, अल्लाहतआला के लिख देने से हमें मजबूरन वैसा करना नहीं पड़ता है बल्कि हम जैसा करने वाले थे अल्लाह तआला ने अपने इल्म से वैसा लिख दिया अगर किसी की तकदीर में बुराई लिखी तो इस लिए कि वह बुराई करने वाला था, अगर वह भलाई करने वाला होता तो खुदायेतआला उसकी तकदीर में भलाई लिखता।
खुलासह यह कि खुदायेतआला के लिख देने से बन्दा किसी काम के करने पर मजबूर नहीं किया
गया।
तकदीर हक है उसका इन्कार करने वाला गुमराह बदमज़हब है।
📕 अनवारे शरीअत, पेज: 16-17
___________________________________
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 इस किताब के दिगर पोस्ट के लिए क्लिक करिये -
https://MjrMsg.blogspot.com/p/anware-shariat.html