🕌 ग़ैब का एक अजीब मुशाहिदा 🕋
अर्वाहे सलासा में लिखा है कि ~
यहाँ मौलवी क़ासिम साहेब नानौतवी जब हज के लिए जाने लगे तो इन्ही अब्लुल्लाह खाँ राजपूत की ख़िदमत में हाज़िर हुए और दमे रुख़सत उनसे दुआ की दर्ख़ास्त की इसके जवाब में खाँ साहब ने फ़रमाया:-
"भाई मैं तुम्हारे लिए क्या दुआ करूं मैंने तो अपनी आँखों से तुम्हें दो जहाँ के
बादशाह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सामने बुख़ारी शरीफ़ पढ़ते हुए देखा है।
#अरवाहे सलासा, सफा~ 254
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-45
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html
अर्वाहे सलासा में लिखा है कि ~
यहाँ मौलवी क़ासिम साहेब नानौतवी जब हज के लिए जाने लगे तो इन्ही अब्लुल्लाह खाँ राजपूत की ख़िदमत में हाज़िर हुए और दमे रुख़सत उनसे दुआ की दर्ख़ास्त की इसके जवाब में खाँ साहब ने फ़रमाया:-
"भाई मैं तुम्हारे लिए क्या दुआ करूं मैंने तो अपनी आँखों से तुम्हें दो जहाँ के
बादशाह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सामने बुख़ारी शरीफ़ पढ़ते हुए देखा है।
#अरवाहे सलासा, सफा~ 254
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