🕌 ग़ैब का एक अजीब मुशाहिदा..... 🕋
नानौतवी साहेब के एक ख़ादिम की कुव्वते इनकेशाफ़ :-
लाइलाहा इल्लल्लाह देख रहे हैं आप, मौलवी क़ासिम साहेब नानौतवी के एक ख़ानगी ख़ादिम ( घर के नौकर ) की यह कश्फ़ी हालत कि मिट्टी की दीवारें शफ़्फ़ाफ़ आइना की तरह उन पर रौशन रहा करती थीं
लेकिन फ़हम व एतक़ाद की इस गुमराही पर सर पीट लेने को जी चाहता है कि इन हज़रात के यहाँ मिट्टी की यही दीवारें सरकारे रिसालत मआब सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्म की निगाह पर हिजाब ( पर्दा ) बनकर
हाएल रहती थी।
जैसा कि देवबन्दी जमाअत के मोतमद वकील मौलवी मंजर साहब नोमानी तहरीर फ़रमाते हैं -
" अगर हुजूर को दीवार के पीछे की सब बातें मालूम हो जाया करतीं तो हज़रत बिलाल से ( दरवाज़े पर खङी
होने वाली औरतों का ) नाम लेकर दरयाफ़त करने की क्या ज़रूरत होती |"
#फ़ैसला कुन मुनाज़ेरा, सफा- 136
आप ही इन्साफ़ कीजिए कि अपने रसूल के हक़ में क्या इससे ज़्यादा भी जज़्बए दिल की बेगांगी का कोई तसव्वुर किया जा सकता है।
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-46, 47
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी
🔴इस पोस्ट के दीगर पार्ट के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html
नानौतवी साहेब के एक ख़ादिम की कुव्वते इनकेशाफ़ :-
लाइलाहा इल्लल्लाह देख रहे हैं आप, मौलवी क़ासिम साहेब नानौतवी के एक ख़ानगी ख़ादिम ( घर के नौकर ) की यह कश्फ़ी हालत कि मिट्टी की दीवारें शफ़्फ़ाफ़ आइना की तरह उन पर रौशन रहा करती थीं
लेकिन फ़हम व एतक़ाद की इस गुमराही पर सर पीट लेने को जी चाहता है कि इन हज़रात के यहाँ मिट्टी की यही दीवारें सरकारे रिसालत मआब सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्म की निगाह पर हिजाब ( पर्दा ) बनकर
हाएल रहती थी।
जैसा कि देवबन्दी जमाअत के मोतमद वकील मौलवी मंजर साहब नोमानी तहरीर फ़रमाते हैं -
" अगर हुजूर को दीवार के पीछे की सब बातें मालूम हो जाया करतीं तो हज़रत बिलाल से ( दरवाज़े पर खङी
होने वाली औरतों का ) नाम लेकर दरयाफ़त करने की क्या ज़रूरत होती |"
#फ़ैसला कुन मुनाज़ेरा, सफा- 136
आप ही इन्साफ़ कीजिए कि अपने रसूल के हक़ में क्या इससे ज़्यादा भी जज़्बए दिल की बेगांगी का कोई तसव्वुर किया जा सकता है।
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-46, 47
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