🕌 मुद्दई लाख पे भारी है गवाही तेरी..... 🕋
लिखा है कि मुंशी मुहम्मद सुलैमान ने मौलाना नानौतवी का हुक्म हूबहू थानेदार तक पहुंचा दिया। थानेदार ने जवाब दिया कि अब क्या हो सकता है रोज़ नामचा में उसका नाम लिख दिया गया है।
मौलाना नानौतवी ने इस जवाब पर हुक्म दिया कि थानेदार से जाकर कह दो कि उसका नाम रोज़ नामचा से काट दो। मंसूर अली खाँ का बयान है कि मौलाना का यह हुक्म पाकर सरा सीमगी की हालत में थानेदार खुद उनकी ख़िदमत में हाज़िर हुआ और अर्ज़ किया~
"हज़रत नाम निकालना बङा जुर्म है अगर नाम उसका निकाला तो मेरी नौकरी जाती रहेगी। फ़रमाया उसका
नाम ( रोज़नामचा से ) काट दो। तुम्हारी नौकरी नहीं जाएगी ।
#स्वानेह क़ासिमी, जिल्द- 1, सफा- 323
वाकेआ का रावी कहता है कि " मौलाना के हुक्म के मुताबिक थानेदार ने हज्जाम को छोङ दिया और थानेदार ही रहा।।।।।
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०- 51
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html
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मौलाना नानौतवी ने इस जवाब पर हुक्म दिया कि थानेदार से जाकर कह दो कि उसका नाम रोज़ नामचा से काट दो। मंसूर अली खाँ का बयान है कि मौलाना का यह हुक्म पाकर सरा सीमगी की हालत में थानेदार खुद उनकी ख़िदमत में हाज़िर हुआ और अर्ज़ किया~
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वाकेआ का रावी कहता है कि " मौलाना के हुक्म के मुताबिक थानेदार ने हज्जाम को छोङ दिया और थानेदार ही रहा।।।।।
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