🕌 अंग्रेजों के खिलाफ़ अफ़सानए जेहाद की हक़ीक़त ..... 🕋
एक देवबन्दी फ़ाज़िल ने मौलाना मुहम्मद अहसन नानौतवी के नाम से मौसूफ़ की सवानेह हयात लिखी है जिसे मकतबए उस्मानिया कराची पाकिस्तान ने शाए किया है,
अपनी किताब में मुसन्निफ़ ने अख़बार अन्जुमन पंजाब लाहौर मजरिया 19 फ़रवरी 1875 ई०के हवाले से लिखा है कि 31जनवरी 1875ई० दिन यक शम्बा ( एतवार) लेफ्टेन्ट गवर्नर के एक ख़फ़िया मोतमिदे अंग्रेज़ मुसम्मा पामर ने मदरसा देवबन्द का मुआइना किया। मुआइना की जो इबारत मौसूफ़ ने अपनी किताब में नक़ल की है उसकी यह चन्द सतरें ख़ास तौर से पढ़ने के क़ाबिल हैं ~
" जो काम बङे बङे कालेजों में हज़ारों रुपये के सर्फ से होता है वह यहाँ कौङियों में हो रहा है जो काम
प्रिन्सिपल हज़ारों रुपये माहाना त॔ख़्वाह लेकर करता है वह यहाँ एक मौलवी चालिस रुपये माहाना पर कर रहा
है। यह मदरसा ख़िलाफ़े सरकार नहीं बल्कि मुवाफ़िके सरकार मोमिद्द व मुआविने सरकार है।"
#मौलाना मुहम्मद अह़सन नानौतवी, सफा- 297
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०- 48, 49
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html
एक देवबन्दी फ़ाज़िल ने मौलाना मुहम्मद अहसन नानौतवी के नाम से मौसूफ़ की सवानेह हयात लिखी है जिसे मकतबए उस्मानिया कराची पाकिस्तान ने शाए किया है,
अपनी किताब में मुसन्निफ़ ने अख़बार अन्जुमन पंजाब लाहौर मजरिया 19 फ़रवरी 1875 ई०के हवाले से लिखा है कि 31जनवरी 1875ई० दिन यक शम्बा ( एतवार) लेफ्टेन्ट गवर्नर के एक ख़फ़िया मोतमिदे अंग्रेज़ मुसम्मा पामर ने मदरसा देवबन्द का मुआइना किया। मुआइना की जो इबारत मौसूफ़ ने अपनी किताब में नक़ल की है उसकी यह चन्द सतरें ख़ास तौर से पढ़ने के क़ाबिल हैं ~
" जो काम बङे बङे कालेजों में हज़ारों रुपये के सर्फ से होता है वह यहाँ कौङियों में हो रहा है जो काम
प्रिन्सिपल हज़ारों रुपये माहाना त॔ख़्वाह लेकर करता है वह यहाँ एक मौलवी चालिस रुपये माहाना पर कर रहा
है। यह मदरसा ख़िलाफ़े सरकार नहीं बल्कि मुवाफ़िके सरकार मोमिद्द व मुआविने सरकार है।"
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