🕌 दारुलउलूम देवबन्द में इल्हाद व नसरानियत का एक मुकाशेफ़ा 🕋

लगे हाथों उन्हीं दीवान जी का एक कश्फ़ और मुलाहेज़ा फ़रमाईये मौलवी मुनाज़िर अहसन गीलानी अपने इसी हाशिया में रिवायत नकल करते हुए लिखते हैं~

"इन्ही दीवान जी के मुकाशिफ़ा का तअल्लुक दारुल उलूम देवबन्द से भी नकल किया जाता है लिखते हैं कि मिसाली आलम में उन पर मुंकशिफ़ हुआ कि दारुव उलूम के चारों तरफ़ एक सुर्ख़ डोरा तना हुआ है।

अपने इस
कश्फ़ी मुशाहेदा की ताबीर खुद यह किया करते थे कि नसरानियत और तजद्दुद व आज़ादी के आसार ऐसा मालूम होता है कि दारुल उलूम में नुमायाँ होंगे।"

#जिल्द- 2, सफा- 73

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०- 47

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

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