〽️हज़रत
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का एक दोस्त आपसे मुलाकात करने आया तो हज़रत यूसुफ़
अलैहिस्सलाम ने उससे फ़रमाया- भई दोस्त-दोस्त के पास आता है तो उसके लिए कोई
तोहफ़ा लाता है, बताओ तुम मेरे लिए क्या लाए हो?
दोस्त ने जवाब दिया- इस वक़्त दुनिया में आपसे बढ़कर कोई और हसीन व जमील चीज़ है ही नहीं जो मैं आपके लिए लाता। इसलिए मैं आपकी ख़िदमत में आप ही को लाया हूँ और यूसुफ़ के लिए तोहफ़ा भी यूसुफ़ लाया हूँ, ये कहकर एक आईना यूसुफ़ अलैहिस्स्लाम के सामने रख दिया और कहा लीजिए इसमें अपने हुस्न व जमाल का नज़ारा कीजिए, इससे बढ़कर और क्या तोहफा होगा!
( #मसनवी_शरीफ़ )
🌹सबक़ ~
=========
इंसान को चाहिए की वो अपना दिल मिस्ल आईना के साफ़ व शफ़्फ़ाफ़ बना ले और कल जब ख़ुदा पूछे की मेरे लिए क्या लाए हो तो यही दिल हाज़िर कर दे और अर्ज़ करे की इलाही ये दिल लाया हूँ, जिसमें तेरे ही जलवे हैं।
📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 119, हिकायत नंबर- 99
दोस्त ने जवाब दिया- इस वक़्त दुनिया में आपसे बढ़कर कोई और हसीन व जमील चीज़ है ही नहीं जो मैं आपके लिए लाता। इसलिए मैं आपकी ख़िदमत में आप ही को लाया हूँ और यूसुफ़ के लिए तोहफ़ा भी यूसुफ़ लाया हूँ, ये कहकर एक आईना यूसुफ़ अलैहिस्स्लाम के सामने रख दिया और कहा लीजिए इसमें अपने हुस्न व जमाल का नज़ारा कीजिए, इससे बढ़कर और क्या तोहफा होगा!
( #मसनवी_शरीफ़ )
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 हिंदी हिकायात पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/hikaayaat.html
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