〽️बनी इस्राईल ने हज़रत मूसा अलैहिस्लाम की मईयत में फ़िरऔन से निजात पा ली और दरिया को उबूर कर के जब पार हो गए तो उनका गुज़र एक बुत परस्त क़ौम पर हुआ, जो बुतों के आगे आसन मारे बैठे थे और उन बुतों को पूज रहे थे, ये बुत गाय की शक्ल के थे।

बनी इस्राईल हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से कहने लगे कि ऐ मूसा! जिस तरह उन लोगों लिए इतने ख़ुदा हैं, इसी तरह हमें भी आप एक ख़ुदा बना दें।

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया जाहिलों! ये क्या बकने लगे हो? ये बुत परस्त तो बर्बादी व हलाकत के हाल में हैं और जो कुछ कर रहे हैं, बिल्कुल बातिल है। क्या मैं एक अल्लाह के सिवा कोई दूसरा ख़ुदा तुम्हारे लिए तलाश करूं?

( #करआन_करीम पारा-9, रूकू-7 )


🌹सबक़ ~
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ख़ुदा तआला की इतनी मेहरबानियों के बावजूद जो उसे भूल जाए और बुतों के आगे झुकने पर आमादा हो जाएँ, उनकी गुमराही व जहालत में क्या कलाम है?

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 97, हिकायत नंबर- 84
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा

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