〽️हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम की अदालत में दो शख़्स हाज़िर हुए, एक ने ये दावा किया कि उस दूसरे शख़्स की बकरियाँ रात को मेरे खेत में घुस गईं और उन्होंने मेरा सारा खेत खा लिया है। हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम ने ये फ़ैसला दिया के सब बकरियाँ खेत वाले को दे दी जाएँ, उन बकरियों की क़ीमत खेत के नुक़्सान के बराबर थी।

जब वो दोनों शख़्स वापस हुए तो हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम से रास्ते में मुलाक़ात हो गई। उन दोनों ने सुलेमान अलैहिस्सलाम को हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम का फ़ैसला सुनाया। हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया- इस फ़ैसले से बेहतर एक और फ़ैसला भी है।

उस वक़्त हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की उम्र शरीफ़ ग्यारह बरस की थी। हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम ने जो सुलेमान अलैहिस्सलाम के वालिद थे, जब अपने साहबज़ादे की ये बात सुनी तो सुलेमान अलैहिस्सलाम को कर दरयाफ़्त फ़रमाया कि बेटा! वो कौन सा फ़ैसला है जो बेहतर है।

सुलेमान अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया- वो ये है की बकरियों वाला उस खेत की काश्त करे और जब तक खेती इस हालत को पहुँचे, जिस हालत में बकरियों ने खाई है उस वक़्त तक खेती वाला बकरियों के दूध वग़ैरा से फ़ायदा उठाए और खेती उस हालत में पहुँच जाने के बाद खेती वाले को खेती वापस कर दी जाए। बकरियों वाले को उसकी बकरियाँ वापस कर दी जाएँ। ये फ़ैसला हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम ने भी पसंद फ़रमाया।

( #क़ुरआन करीम पारा-17, रूकू-6; रूह-उल-बयान सफ़ा-652, जिल्द-2 )


🌹सबक़ ~
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हज़रत दाऊद हज़रत सुलेमान अलैहिम अस्सलाम के ये दोनों फ़ैसले अज़रूऐ इजतहाद थे। मालूम हुआ की इजतहाद करना अम्बियाक्राम अलैहिम अस्सलाम की सुन्नत है।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 113-114, हिकायत नंबर- 93
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा

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