〽️खुदा ने जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का पुतला मुबारक तैयार फ़रमाया तो फ़रिश्ते हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के उस पुतले मुबारक की ज़ियारत करते थे, मगर शैतान लईन हसद की आग में जल भुन गया और एक मर्तबा उस मर्दूद ने बुग्ज़ व कीने में आकर हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के पुतले मुबारक पर थूक दिया। ये थूक हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की नाफ़ मुबारक के मुक़ाम पर पड़ी, खुदा तआला ने हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम को हुक्म दिया के उस जगह से इतनी मिट्टी निकाल कर उस मिट्टी का कुत्ता बना दो।

चुनाँचे उस शैतानी थूक से मिली हुई मिट्टी का कुत्ता बना दिया गया। ये कुत्ता आदमी से मानूस इसलिए है कि मिट्टी हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की है और पलीद इसलिए है कि थूक शैतान की है और रात को जागता इसलिए है कि हाथ इसे जिब्राईल के लगे हैं।

#(रूह-उल-बयान, सफा-68, जिल्द-1)


🌹सबक़ ~
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शैतान के थूकने से हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का कुछ नहीं बिगड़ा बल्की मुक़ामे नाफ शिकम के लिए वजह
ज़ीनत बन गया।

इसी तरह अल्लाह वालों की बारगाह में गुस्ताख़ी करने से उन अल्लाह वालों का कुछ नहीं बिगड़ता बल्की उनकी शान और भी चमकती है और ये भी मालूम हुआ कि अल्लाह वालों को हसद व नुसरत की निगाह से देखना शैतानी काम है।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 70-71, हिकायत नंबर- 56

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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

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