〽️हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के विसाल शरीफ के वक्त जिब्राईल अमीन हाज़िर हुआ और अर्ज करने लगा या रसूलल्लाहﷺ! आज आसमानों पर हुज़ूर के इसतक़्बाल की तैयारियाँ हो रही हैं, खुदा तआला ने जहन्नम के दारोगा मालिक को हुक्म दिया है के मालिक! मेरे हबीब की रूह मुतहेरा आसमानों पर तशरीफ ला रही है, इस ऐज़ाज़ में दोजख की आग बुझा दे और हूराने जन्नत से फ़रमाया के तुम सब अपनी तज़ईन व आरास्तगी करो और सब फरिश्तों को हुक्म दिया है के तअज़ीमे रूह मुस्तफ़ा के लिए सब सफ़ बसफ खड़े हो जाओ और मुझे हुक्म फ़रमाया है के मैं जनाब की ख़िदमत में हाजिर होकर आपको बशारत दूँ के तमाम अम्बिया और उनकी उम्मतों पर जन्नत हराम है जब तक के आप और आपकी उम्मत जन्नत में दाखिल ना हो जाए और कल कयामत को अल्लाह तआला आपकी उम्मत पर आपके तुफैल इस क़द्र बख़्शिश व मगफिरत की बारिश फ़रमाएगा के आप राजी हो जाएँगे।

#( मदारिज-उन्नबुव्वत, सफा- 254, जिल्द- 2)


🌹सबक ~
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हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का
ऐज़ाज़ व इक्राम दोनों आलम में है और जिन्न व बशर हूरो मलायक सभी हुज़ूर के खुद्दाम व लश्करी हैं और आप दोनों आलम के बादशाह हैं।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 55-56, हिकायत नंबर- 36
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

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