〽️मदीना मुनव्वरह में एक बार कहेत पड़ गया, बारिश होती ही ना थी लोग उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा सिद्दीका रदीअल्लाहु अन्हा की खिदमत में फ़रियाद लेकर हाज़िर हुए।

हज़रत उम्मुल मोमिनीन रदीअल्लाहु अन्हा ने फ़रमाया- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम की कब्र अनवर पर से छत में एक सुराख कर दो ताकी आसमान और कब्र में कोई हिजाब ना रहे। चुनाँचे लोगों ने ऐसा ही किया तो इस क़द्र बारिश हुई के खेतियाँ हरी हो गईं और जानवर मोटे हो गए मोहद्दिसीन लिखते हैं के आसमान ने जब क़ब्र अनवर को देखा तो रो पड़ा था।

#(मिश्कात शरीफ़, सफा-527)


🌹सबक ~
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हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम का फ़्यूज पाक विसाल शरीफ के बाद भी बदस्तूर जारी है और
हुज़ूरﷺ की कब्र अनवर की जियारत से हर आँख आँसूओं के फूल बरसाने लगती है और ये भी मालूम हुआ के अल्लाह से कुछ पाने के लिए हुज़ूरﷺ का वसीला जरूरी है।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 57-58, हिकायत नंबर-40
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

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