〽️हज़रत शेख़ अबु अब्दुल्लाह फरमाते हैं एक मर्तबा हम मदीना मुनव्वरह हाज़िर हुए तो मस्जिद नबवी में महेराब के पास एक बुज़ुर्ग आदमी को सोए हुए देखा थोड़ी देर में वो जागे और जागते ही रोज़ाऐ अनवर के पास जाकर हुज़ूर अनवर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर सलाम अर्ज़ किया और फिर मुसकुराते हुए लौटे एक ख़ादिम ने उन से इस मुसकुराहट की वजह पूछी तो बोले मैं सख़्त भूका था, इसी आलम में मैंने रोज़ाऐ अनवर पर हाज़िर होकर भूक की शिकायत की तो ख्वाब में मैंने हुज़ूरﷺ को देखा आपने मुझे एक पियाला दूध का अता फरमाया और मैंने खूब पेट भर कर दूध पिया और फिर उस बुजुर्ग ने अपनी हथेली पर मुंह से थूक कर दिखाया तो हम ने देखा के हथेली पर वाकई दूध ही था।

#(हुज्जत-उल्लाह अलआलमीन, सफा-804)


🌹सबक ~
=========

हुज़ूरﷺ को ख्वाब में देखने वाला हुज़ूरﷺ ही को देखता है और हुज़ूरﷺ की ख़्वाब में भी जो अता हो वो वाक़ई अता होती है और ये भी मालूम हुआ के हुज़ूरﷺ भी वैसे ही जिन्दा हैं जैसे पहले थे।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 61, हिकायत नंबर-45
--------------------------------------------------------
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

📌 हिंदी हिकायात पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/hikaayaat.html