〽️हज़रत
अली रदिअल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं जब हम हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि
वसल्लम के दफ़्ने मुबारक से फ़ारिग़ हुए तो तीन रोज़ के बाद एक आराबी क़ब्रे
अनवर पर हाज़िर हुआ और क़ब्र अनवर पर गिर कर कब्र अनवर की ख़ाक़ अपने सर पर
डालने लगा और कहने लगा, या रसूलल्लाहﷺ! जो कुछ आपने फ़रमाया हम ने सुना और
आपकी ज़बानी हम ने क़ुरान की ये आयत भी सुनी *वलो अन्नाहुम इज़ज़लामू
अनफुसाहुम जाऊक " यानी जो लोग अपनी जानों पर जुल्म कर बैठे वो आपके पास
हाज़िर हों"* पस ऐ अल्लाह के रसूलﷺ! मैं अपनी जान पर जुल्म कर बैठा हूँ और
अब गुनाहों की माफी के लिए आपके पास आ पहुँचा हूँ।
आराबी ने ये कहा तो क़ब्र अनवर से आवाज़ आई, “जाओ अल्लाह ने तुम्हें बख्श दिया।”
#(हुज्जत-उल्लाह अली अलआलमीन, सफा-777)
🌹सबक ~
=========
हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम का दरबारे रहमत, विसाले शरीफ के बाद भी बदस्तूर लगा हुआ है और हुज़ूरﷺ अपने विसाल शरीफ के बाद भी गुनहगारों के लिए ज़रियाऐ निज़ात और मुनब्बऐ फ्यूज व बर्कात हैं और आज भी हम हुज़ूर सल्लल्लाहु तआलाअलैहि व सल्लम के बदस्तू मोहताज हैं।
📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 57, हिकायत नंबर- 38
--------------------------------------------------------
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 हिंदी हिकायात पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/hikaayaat.html
आराबी ने ये कहा तो क़ब्र अनवर से आवाज़ आई, “जाओ अल्लाह ने तुम्हें बख्श दिया।”
#(हुज्जत-उल्लाह अली अलआलमीन, सफा-777)
🌹सबक ~
=========
हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम का दरबारे रहमत, विसाले शरीफ के बाद भी बदस्तूर लगा हुआ है और हुज़ूरﷺ अपने विसाल शरीफ के बाद भी गुनहगारों के लिए ज़रियाऐ निज़ात और मुनब्बऐ फ्यूज व बर्कात हैं और आज भी हम हुज़ूर सल्लल्लाहु तआलाअलैहि व सल्लम के बदस्तू मोहताज हैं।
📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 57, हिकायत नंबर- 38
--------------------------------------------------------
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 हिंदी हिकायात पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/hikaayaat.html