〽️हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को नमरूद ने जब आग में फैंकना चाहा तो जिब्राईल अलैहिस्सलाम हाज़िर हुए और अर्ज़ किया- हुज़ूर! अल्लाह से कहिये वो आपको इस आतिशकदा से बचा ले।

आपने फरमाया- अपने जिस्म के लिए इतनी बुलंद व बाला पाक हस्ती से ये मामूली सा सवाल करूं?

जिब्राईल ने अर्ज़ किया तो अपने दिल के बचाने के लिए उससे कहिये फ़रमाया ये दिल उसी के लिए है वो अपनी चीज़ से जो चाहे सलूक करे।

जिब्राईल ने अर्ज किया- हुज़ूर! इतनी बड़ी तेज़ आग से आप क्यों नहीं डरते? फ़रमाया- ऐ जिब्राईल! ये आग किस ने जलाई? जिब्राईल ने जवाब दिया-नमरूद ने। फ़रमाया और नमरूद के दिल में ये बात किस ने डाली? जिब्राईल ने जवाब दिया- रब्बे जलील ने। ख़लील ने फरमाया
तो फिर इधर हुक्मे जलील है तो इधर रज़ाऐ ख़लील है।

#(नुज़हत-उल-मजालिस, सफ़ा-204, जिल्द-2)


🌹सबक़ ~
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अल्लाह वाले हमेशा अल्लाह की रज़ा में राज़ी रहते हैं।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 79-80, हिकायत नंबर- 65

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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

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