♥हदीस : जरीर (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से
रिवायत है कि,

मैंने रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) से पुछा की : (गैर महरम पर) अचानक गिरने वाली नजर का क्या हुक्म है...??

तो आप (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने फरमाया, "तु अपनी नजर फेर ले ।"
📚 सुनन अबु दाऊद, वो-2, 381- सहीह


हदीस : बुरैदह इब्ने अल-हसीब (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है कि,

रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने फरमाया -

"नजर की पैरवी न करो, (गैर महरम की तरफ) पहली नजर तो मुआफ है मगर दुसरी निगाह मुआफ नही".
📚 सुनन अबु दाऊद, वो-2, हदीस-382


▪️हदीस : हजरत अली (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है कि,

नबी_ए_करिम (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने फरमाया -

"अली! पहली नजर किसी नमहरम पर पड़ने के बाद, इसपर दुसरी नजर न डालना,

क्योंकी पहली नजर तो तुम्हे मुआफ होगी, दुसरी नजर नही होगी ।",
📚 मुसनाद इमाम अहमद बिन हंबल; पेज-559, वो/जिल्द #1; हदीस-1359

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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