♥हदीस : हजरते सलमान फर्सी (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है की,रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया -
"तुम्हारा रब बहुत बा-हया और करिम (करम वाला) है, जब उसका बन्दा उसके सामने अपने दोनो हाथ उठाता है तो उन्हें खाली लौटाते हुए उसे अपने बन्दे से हया आती है ।
📚 सुनन अबी दाऊद, 1488- सहीह
इस हदीस मे हया से मुराद अल्लाह अपने बन्दो की कोई भी फरियाद (दुआ) जाया नही करता, जिसके तल्लुक से एक रिवायत मे आता है के -
▫️हदीस - अल्लाह के रसुल (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते है के -
"कोई ऐसा मुस्लमान नही जो कोई दुआ करे जिसमे गुनाह और कित्ता रहमी न हो मगर अल्लाह उस दुआ की वजह से उसको 3 चीजों से जरुर नवाज देता है" -
👉🏻1) - या तो फिलहाल वही चीज दे देता है,
👉🏻2) - और उसकी आखिरत के लिए जकीरा देता है (आखिरत के लिए उस दुआ को बाकी रखता है),
👉🏻3) - या कोई ऐसी ही बुराई उससे हटा देता है (उस दुआ के बदले कोई मुसीबत टाल देता है).
सहाबा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) ने फरमाया - "इस हलात मे तो हम फिर खुब कसरत से दुआ किया
करेंगे"
आप (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया -
"अल्लाह के यहां इससे भी ज्यादा अता की कसरत है"
(यानी तुम दुआ मे मांगने मे कसरत करोगे वह फिर अता करने मे तुम से ज्यादा कसरत करेगा)
📚 बुक : अहमद बिन हम्बल
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
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"तुम्हारा रब बहुत बा-हया और करिम (करम वाला) है, जब उसका बन्दा उसके सामने अपने दोनो हाथ उठाता है तो उन्हें खाली लौटाते हुए उसे अपने बन्दे से हया आती है ।
📚 सुनन अबी दाऊद, 1488- सहीह
इस हदीस मे हया से मुराद अल्लाह अपने बन्दो की कोई भी फरियाद (दुआ) जाया नही करता, जिसके तल्लुक से एक रिवायत मे आता है के -
▫️हदीस - अल्लाह के रसुल (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते है के -
"कोई ऐसा मुस्लमान नही जो कोई दुआ करे जिसमे गुनाह और कित्ता रहमी न हो मगर अल्लाह उस दुआ की वजह से उसको 3 चीजों से जरुर नवाज देता है" -
👉🏻1) - या तो फिलहाल वही चीज दे देता है,
👉🏻2) - और उसकी आखिरत के लिए जकीरा देता है (आखिरत के लिए उस दुआ को बाकी रखता है),
👉🏻3) - या कोई ऐसी ही बुराई उससे हटा देता है (उस दुआ के बदले कोई मुसीबत टाल देता है).
सहाबा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) ने फरमाया - "इस हलात मे तो हम फिर खुब कसरत से दुआ किया
करेंगे"
आप (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया -
"अल्लाह के यहां इससे भी ज्यादा अता की कसरत है"
(यानी तुम दुआ मे मांगने मे कसरत करोगे वह फिर अता करने मे तुम से ज्यादा कसरत करेगा)
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