♥ हदीस: नबी-ए-करीम (सल्लाल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते है -“जब लोग अल्लाह और उसके रसूल के
वादे का पास (लिहाज) नहीं करेंगे ,
तो अल्लाह उनपर बैरुने दुश्मन को तसल्लुद कर देता है,
और वो (बैरुने दुश्मन) इनकी सरवत का एक हिस्सा इनसे छीन लेता है |”
📕सुनन इब्न माजा, हदीस-3262

आज आलमे इंसानियत का यही हाल है के –
नौउज़ुबिल्लाह! हमने अल्लाह और उसके रसूल (सल्लाल्लाहु अलैही वसल्लम) की इतनी नाफ़रमानी की है के अल्लाह ने हमपर ऐसे बैरुने दुश्मन को तसल्लुद किया के –

– “कमाते हम है, तेल हम निकालते है लेकिन उसका भाव बैरुने मुल्क में बैठकर कोई और तय करता है,

– हमारे रुपये (Currency) का भाव वो तय करते है के डोलर के मुकाबले में आज कितना होगा,

इसी को (Capitalism) कहते है जिसमे इंसानों पर सीधे हुकूमत नही किया जाता लेकिन पूरा (Finance)
अपने कंट्रोल में रखा जाता है|

तो ये होता है जब ईताअते-रसूल छोड़ दी जाती है तब बैरुने दुश्मन को अल्लाह तसल्लुद कर देता है

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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