♥हदीस : उम्मे आईशा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है कि,
एक शख्स रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) से पुछा कि - "मेरी मां का अचानक इन्तेकाल हो गया और मेरा ख्याल है की अगर उन्हें बात करने का मौका मिलता तो ओ कुछ न कुछ खैरात करती!,

अगर मै उनकी तरफ से कुछ खैरात करुं तो क्या उन्हे इसका सवाब मिलेगा..."

आप (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने फरमाया - "हां मिलेगा!"


📚 साही बुखारी, बुक-23, हदीस-470

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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