♥हदीस : हजरते अबु जर (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है कि,
आका (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने फरमाया-
"ऐअबु जर! तुम सुबह के वक्त किताबुल्लाह की एक आयत सिखो तो ये तुम्हारे लिए सौ (100) नवाफील पढ़ने से अफजल है,
और अगर तुम सुबह के वक्त इल्म का एक बाब (Chapter) सिखलो चाहे उस पर अमल किया गया या (अभी) अमल न किया जाए (यानी सिर्फ अमल का इरादा भी किया जाए)
ये तुम्हारे लिए हजार रकअत (नवाफील) पढ़ने से अफजल है ।"
📚 सुनन इब्ने मजा, जिल्द-1, सफा-132, हदीस-219
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
🔴और भी हिंदी हदीस-ए-पाक पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
http://www.MjrMsg.blogspot.com/p/hindi-hadees.html
आका (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने फरमाया-
"ऐअबु जर! तुम सुबह के वक्त किताबुल्लाह की एक आयत सिखो तो ये तुम्हारे लिए सौ (100) नवाफील पढ़ने से अफजल है,
और अगर तुम सुबह के वक्त इल्म का एक बाब (Chapter) सिखलो चाहे उस पर अमल किया गया या (अभी) अमल न किया जाए (यानी सिर्फ अमल का इरादा भी किया जाए)
ये तुम्हारे लिए हजार रकअत (नवाफील) पढ़ने से अफजल है ।"
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