♥हदीस :  अबु हुरैरा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) कहते है मैंने रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) को फरमाते सुना,"अल्लाह फरमाता है मैंने नमाज अपने और अपने बन्दे के दरमियान आधी-आधी तकसीम करदी है, लिहाजा मेरा बन्दा जो सवाल करेगा उसे मिलेगा"

जब बन्दा कहता है ( अल्हमदुलल्लिलाही-रब्बील-आलामीन ) तो अल्लाह फरमाता है "मेरे बन्दे ने मेरी तारिफ की ।"

जब बन्दा कहता है
(अर्रहमान-निरर्रहीम) तो अल्लाह फरमाता है मेरे बन्दे ने मेरी सना कि - और एक मर्ताबा यु फरमाता है " बन्दे ने अपने काम मेरे सुपुर्द किया ।"

और जब बन्दा कहता है
(मालीके-यौमीद्दीन) तो अल्लाह फरमाते है " ₹मेरे बन्दे ने मेरी बुजुर्गी ब्यान की ।"

जब बन्दा कहता है (इय्याकाना'-बुदु-वाइय्याका-नस्ताय्यीन) तो अल्लाह फरमाता है ये मेरे और मेरे बन्दे के
दरमियान मुआमला है और मेरा बन्दा जो मांगेगा उसे मिलेगा ।

जब बन्दा कहता है
(इहदेनस-सिरातल-मुस्ताकीम - सिरातल-लजीना-अन'अमता'आ'लैहीम-गैरिल-मगजुबी-अलैहीम-वलाज्जालीन) तो अल्लाह फरमाता है "उस बन्दे की ये दुआ भी कुबुल हुई और उसके अलावा जिस चीज का सवाल करेगा (कुछ और मांगेगा) ओ भी उसे दे दुंगा।"
📚सहीह मुस्लिम, किताब-उस-सलात, 878

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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