_____________________________________

〽️ हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रत सिद्दीक़ अक्बर रादिअल्लाहु अन्हु की मईयत में जब मक्का से हिज्रत फ़रमाई तो कुरैशे मक्का ने एलान किया के जो कोई मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) और उसके साथी (सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु अन्हु) को गिरफ्तार करके लाएगा उसे सौ ऊँट इनाम में दिए जाएँगे।

सर्राक़ा बिन जअशिम ने ये एलान सुना तो अपना तेज रफ्तार घोड़ा निकाला और उस पर बैठ कर कहने लगा के मेरा ये तेज रफ्तार घोड़ा मोहम्मदﷺ और अबु बक्र का पीछा कर लेगा और मैं अभी उन दोनों को पकड़ कर लाता हूँ।

चुनाँचे उनसे अपने घोड़े को दौड़ाया और थोड़ी देर में हुज़ूर के करीब पहुंच गया। सिद्दीके अक्बर ने जब देखा के सर्राक़ा घोड़े पर सवार हमारे पीछे आ रहा है और हम तक पहुँचने ही वाला है तो अर्ज़ किया या रसूलल्लाहﷺ ! सर्राक़ा ने हमें देख लिया है और वो देखिए हमारे पीछे आ रहा है।

हुज़ूर ने फरमाया ऐ सिद्दीक़ कोई फिक्र ना करो अल्लाह हमारे साथ है, इतने में सर्राक़ा बिलकुल करीब आ
पहुँचा तो हुज़ूर ने दुआ फरमाई तो जमीन ने फौरन सर्राक़ा के घोड़े को पकड़ लिया और उसके चारों पैर पेट तक जमीन में धंस गए, सर्राक़ा ये मंजर देख कर घबराया और अर्ज़ करने लगा, या मोहम्मदﷺ ! मुझे और मेरे घोड़े को इस मुसीबत से निजात दिलाईये मैं आप से वादा करता हूँ के मैं पीछे मुड़ जाऊँगा और जो कोई आपका पीछा करता हुआ आपकी तलाश में इधर आ रहा होगा उसे भी वापस ले जाऊँगा और आप तक ना आने दूंगा।

चुनाँचे हुज़ूरﷺ के हुक्म से ज़मीन ने उसे छोड़ दिया।


🌹सबक ~
=========

हमारे हुज़ूरﷺ का हुक्मो फरमान जमीन पर भी जारी है और क़ायनात की हर चीज़ अल्लाह ने हुज़ूरﷺ के ताबे कर दी है फिर जिस शख़्स की अपनी बीवी भी उसकी ताबे ना हो वो अगर हुज़ूरﷺ की मिस्ल बनने लगे तो वो किस क़द्र अहमव व बेवकूफ है।।

📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 44, हिकायत नंबर- 21

--------------------------------------------------------
🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

📌 हिंदी हिकायात पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/hikaayaat.html