🌀 पोस्ट- 62  | ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ जंगे तबुक में हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) की ऊंटनी गुम हो गयी तो एक मुनाफिक ने मुस्लमानो से कहा की तुम्हारा मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) तो नबी होने की मुद्दई है और तुम्हे आसमान की बाते सुनाता है, फिर इसे अपनी ऊंटनी का पता क्युं नही चलता ??

हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने जब मुनाफिक की यह बात सुनी तो फरमाया बेशक मै नबी हुँ और मेरा इल्म अल्लाह की अता फरमुदा है।

लो सुनो! मेरी ऊंटनी फलां जगह खड़ी है। एक दरख्त ने उसकी नकील को रोक रखा है। जाओ वहां जाओ। वहां से ऊंटनी को ले आओ।

चुनांचे:-
सहाबा किराम गये तो वकाई ऊंटनी उसी जगह खड़ी थी और उसकी नकील एक दरख्त से अटकी
हुई थी।

📕 जादुल-मआद-जिल्द-3, सफा-3


🌹सबक ~
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हमारे हुजुर को अल्लाह ने इस कद्र इल्मे गैब अता फरमाया है कि कोई बात आपसे छुपी नही, मगर मुनाफिक इस इल्म गैब के मोतरिफ नही।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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