अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला है।
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सवाल:-  अल्लाह तआला के बारे में कैसा अकीदा रखना चाहिए ❓

जवाब:- अल्लाह तआला एक है उसका कोई शरीक नहीं।

आसमान व जमीन और सारी मखलूकात का पैदा करने वाला वही है।

वही इबादत के लाइक है दूसरा कोई इबादत के लाइक नहीं है।

वही सबको रोजी देता है।

अमीरी-गरीबी और इज्जत व जिल्लत सब उसके इखतियार में है।

जिसे चाहता है इज्जत देता है और जिसे चाहता है जिल्लत देता है।

उसका हर काम हिक्मत है, बंदो की समझ में आये या न आये वह हर कमाल व खूबी वाला है।

झूट, दगा, खियानत, जुल्म जिह्ल वगैरह हर ऐब से पाक है, उसके लिए किसी ऐब का मानना कुफ्र है।


सवाल:- क्या अल्लाह तआला को बुढ़ऊ कहना जाइज़ है ❓

जवाब:- अल्लाह तआला की शान में ऐसा
लफ्ज़ बोलना कुफ्र है।


सवाल:- बाज़ लोग कहते हैं कि “ऊपर वाला जैसा चाहेगा वैसा होगा” और कहते हैं “ऊपर अल्लाह है नीचे तुम हो” या इस तरह कहते हैं कि “ऊपर अल्लाह नीचे पंच हैं" ❓

जवाब:- यह सब जुमले गुमराही के हैं, मुसलमानों को इन से बचना निहायत ज़रूरी है।

📕 अनवारे शरीअत, पेज: 10-11

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🖌पोस्ट क्रेडिट -  शाकिर अली बरेलवी रज़वी  व  अह्-लिया मोहतरमा

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