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सवाल:- खुदाये तआला की किताबें कितनी हैं ❓
जवाब:- खुदाये तआला की छोटी बड़ी बहुत सी किताबें नाज़िल हुई बड़ी किताब को किताब और छोटी को सहीफ़ह कहते हैं, उनमें चार किताबें बहुत मशहूर हैं अव्वल तौरेत जो हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई, दूसरे जबूर जो हज़रते दाऊद अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई, तीसरी इन्जील जो हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम पर नाजिल हुई और चौथी कुरान मजीद जो हमारे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर नाजिल हुआ ।
सवाल:- पूरा कुरान मजीद एक दफा नाज़िल हुआ या
थोड़ा-थोड़ा ❓
जवाब:- पूरा कुरान मजीद एक दफ़ा इकट्ठा नहीं नाज़िल हुआ बल्कि ज़रूरत के मुताबिक 23 (तेईस) बरस में थोड़ा-थोड़ा नाज़िल हुआ।
सवाल:- क्या कुरान मजीद की हर सूरत और हर आयत पर ईमान लाना ज़रूरी है ❓
जवाब:- हां कुरान मजीद की हर सूरत पर ईमान लाना जरूरी है अगर एक आयत का भी इन्कार कर दे या यह
कहे कि कुरान जैसा नाज़िल हुआ था अब वैसा नहीं है, बल्कि घटा बढ़ा दिया गया है तो वह काफ़िर है।
📕 अनवारे शरीअत, पेज: 12-13
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🖌पोस्ट क्रेडिट - शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 इस किताब के दिगर पोस्ट के लिए क्लिक करिये -
https://MjrMsg.blogspot.com/p/anware-shariat.html
सवाल:- खुदाये तआला की किताबें कितनी हैं ❓
जवाब:- खुदाये तआला की छोटी बड़ी बहुत सी किताबें नाज़िल हुई बड़ी किताब को किताब और छोटी को सहीफ़ह कहते हैं, उनमें चार किताबें बहुत मशहूर हैं अव्वल तौरेत जो हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई, दूसरे जबूर जो हज़रते दाऊद अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई, तीसरी इन्जील जो हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम पर नाजिल हुई और चौथी कुरान मजीद जो हमारे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर नाजिल हुआ ।
सवाल:- पूरा कुरान मजीद एक दफा नाज़िल हुआ या
थोड़ा-थोड़ा ❓
जवाब:- पूरा कुरान मजीद एक दफ़ा इकट्ठा नहीं नाज़िल हुआ बल्कि ज़रूरत के मुताबिक 23 (तेईस) बरस में थोड़ा-थोड़ा नाज़िल हुआ।
सवाल:- क्या कुरान मजीद की हर सूरत और हर आयत पर ईमान लाना ज़रूरी है ❓
जवाब:- हां कुरान मजीद की हर सूरत पर ईमान लाना जरूरी है अगर एक आयत का भी इन्कार कर दे या यह
कहे कि कुरान जैसा नाज़िल हुआ था अब वैसा नहीं है, बल्कि घटा बढ़ा दिया गया है तो वह काफ़िर है।
📕 अनवारे शरीअत, पेज: 12-13
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