मस्अला:- दांतों से खून निकला और हालते-नमाज़ में उसे निगल लिया, तो अगर थूक (Spit) गालिब (ज़्यादा, विशेष मात्र में-Exceeding) है, तो निगलने से नमाज़ फासिद नहीं होगी और अगर खून (रक्त-Blood) गालिब है तो निगलने से नमाज़ फासिद हो जाएगी।

ग़लबा की अलामत (पहचान) येह है कि, खून का मज़ा (स्वाद) महसूस हो।

नमाज़ और रोजा तोड़ने में मजा का ए'तबार (विश्वास-Reliance) है और वुजू तोड़ने में रंग (Colour) का ए'तबार।

#(दुर्रे मुख़्तार; आलमगीरी; फतावा रिज़वीया जिल्द-1 सफ़ा-32/522)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वीअह्-लिया मोहतरमा

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