मस्अला:- अगर नमाज़ में इतनी पस्त (धीमी-Slow) आवाज़ से हंसा कि खुद ने सुना और करीब वाला नहीं सुन सका, तो भी नमाज़ फासिद हो गई। अलबत्ता इस सूरत में वुजु नहीं टूटेगा
#(बहारे शरीअत हिस्सा-2 सफ़ा-25)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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