मस्अला:- नमाज़ की हालत में खाना-पीना मुत्लकन (साहजिक) नमाज़ फासिद कर देता है। कस्दन हो या भूल कर हो, थोड़ा हो या ज़्यादा हो।
यहां तक कि अगर एक तिल भी बगैर चबाए भी निगल गया या कोई कतरा (बूंद--Drop) चाहे वोह पानी का ही कतरा हो, उस के हल्क (गले-Throat) या मुंह में गया, और उसने निगल लिया (हल्क के नीचे उतार लिया) तो नमाज़ फासिद हो जाएगी।

#(दुर्रे मुख़्तार; रद्दुल मोहतार)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वीअह्-लिया मोहतरमा

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