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मदीना वालों को आपके आने की ख़बर पहले ही मिल चुकी थी यह लोग आपके आने का बड़ी बेसब्री से इन्तेज़ार कर रहे थे। रोजाना ऊँची जगह पर चढ़कर आपका रास्ता देखते। यहां तक कि हुज़ूरﷺ तशरीफ ले आये। सबने एक साथ तकबीर का नारा लगाया और आपके इस्तिकबाल (स्वागत) के लिये निकल पड़े। हर तरफ खुशी का समां था। मदीने की औरतें और बच्चे छतों पर चढ़कर इस नूरानी काफिले को देख रहे थे और मदीने की बच्चियां खुशी में शेर गुनगुना रही थीं।
मदीने में हर एक यही चाहता था कि हुज़ूरﷺ हमारे घर कयाम करें, यह हालत देखकर आपने फरमाया कि मेरी ऊँटनी की मुहार छोड़ दो उसे अल्लाह की तरफ से हुक्म मिल चुका है। ऊँटनी चलते-चलते वहां रूक गयी जहां आज मस्जिदे नबवी है, उसके सामने हज़रत अबु अय्यूब जो अंसारी का मकान था।
उनकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा उन्होनें आपका सारा सामान उतरवाया और आपको अपने घर ले आये उन्होने बहुत ही अदब व एहतराम के साथ आपकी मेज़बानी की। हज़रत अय्यूब के घर हुज़ूरﷺ ने सात महीने
कयाम फ़रमाया।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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मदीने में हर एक यही चाहता था कि हुज़ूरﷺ हमारे घर कयाम करें, यह हालत देखकर आपने फरमाया कि मेरी ऊँटनी की मुहार छोड़ दो उसे अल्लाह की तरफ से हुक्म मिल चुका है। ऊँटनी चलते-चलते वहां रूक गयी जहां आज मस्जिदे नबवी है, उसके सामने हज़रत अबु अय्यूब जो अंसारी का मकान था।
उनकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा उन्होनें आपका सारा सामान उतरवाया और आपको अपने घर ले आये उन्होने बहुत ही अदब व एहतराम के साथ आपकी मेज़बानी की। हज़रत अय्यूब के घर हुज़ूरﷺ ने सात महीने
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