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    क्या करें ?   

☑️ नातिया महफ़िलें मुनअकिद करें जिसमें हुज़ूरﷺ के फ़ज़ाइल व मनाकिब बयान किये जायें।

☑️ अपने घर मुहल्ले, कूचे व बाजार को सजायें और झण्डे लगायें।

☑️ एक दूसरे को मुबारकबाद दें और दोस्तों को इत्र व दीगर तोहफ़ों से नवाजें। रोज़ा रखें जैसा कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खुद पीर शरीफ़ के दिन रोज़ा रखा करते थे।

☑️ निहायत अदब व ऐहतराम सुकून व विक़ार के साथ जुलूसे मुहम्मदी में शिरकत करें।

☑️ इस्लामी बुक स्टाल लगायें, और इस्लामी किताबें बिला कीमत या कम कीमत पर तक़सीम करें।

☑️ अपने घरों में चरागां करें और बच्चों को ईदी तक़सीम करें।

☑️ इस दिन कसरत से दुरूदे पाक का विर्द करें।

☑️ सुबह सादिक के वक़्त हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इस्तक़बाल में नज़रानये दुरूदो सलाम पेश करें और फ़ातेहा ख्वानी करें।

☑️ जुलूस के दरमियान नमाज़ का वक्त आने पर नमाज़ पहले अदा करें।


     क्या न करें?    

❎ मीलादुन्नबी के मौके पर खुशी में कोई भी गैर शरई काम हरगिज़ न करें जैसे आतिशबाज़ी, ढोल ताशा वगैरह।

❎ गानों की तर्ज पर नाते न पढ़ें न सुनें न कैसेट वगैरह में बजायें।

❎ खाने पीने की अशिया को हाथों में अदब के साथ दें। लुटाकर बर्बाद न करें कि रिज़्क की बेअदबी अल्लाह को
पसन्द नहीं।

❎ मीलादुन्नबी के मुबारकबादी के पोस्टरों व बैनरों में किसी भी जानदार की तस्वीर या अपना फोटो हरगिज़ न छपवायें क्योंकि तस्वीर हर मौसम हर त्यौहार पर हराम ही है।

❎ जुलूस के दरमियान राह से गुज़रने वालों का ख्याल रखें जहां तक हो सके रास्ते बन्द करने से बचें।

❎ तेज़ आवाज़ में डीजे साउण्ड वगैरह का इस्तेमाल न करें कि बीमारों को तकलीफ न पहुंचे।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी  अह्-लिया मोहतरमा

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