-------------------------------------------------------
अल्लाह तआला ने हमको बेशुमार नेमतों से नवाजा जैसे रिज़्क, पानी, हवा, आंख, कान, माँ बाप वगैरह, मगर किसी नेमत को देकर अहसान नहीं जताया लेकिन जब अपने महबूब को अता किया तो अपने बन्दों से फ़रमाया, बड़ा अहसान है कि तुम को अपना हबीब दिया।
لقد من اللہ علی المومین از بعث فہیم رسولا
तर्जुमाः- बेशक बड़ा अहसान है मुसलमानों पर कि उनमें उन ही मे से एक रसूल भेजा। #(कन्जुल ईमान)
सिर्फ़ अहसान ही नहीं जताया बल्कि अपने बन्दों को हुक्म फरमाया कि मेरी नेमत का खूब खूब चर्चा करो।
وا ما بنعمت ربک فحدث
प्यारे प्यारे सुन्नी भाइयों, इन्सान को अल्लाह तआला की जितनी बड़ी नेमत मिलती है वह उतना ही ज़्यादा खुश होता है और शुक्र अदा करता है । अल्लाह तआला की तमाम नेमतों और रहमतों में सबसे बड़ी नेमत हुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं। इसलिये आपकी विलादते पाक पर खुशी का इजहार करना और आपकी मीलाद बयान करना (यानि पैदाइश का जिक्र) इस खुशी में जलसे मुनअकिद करना, जुलूस निकालना, लंगर खिलाना, अल्लाह के हुक्म की पैरवी है और हुक्मे रब्बी को पूरा करना मोमिन की पहचान है।
खाक हो जायें अदू जलकर मगर हम तो 'रजा' ।
दम में जब तक दम है जिक्र उनका सुनाते जायेंगे ।।
रिसाला»» सुबहे शबे विलादत, पेज:8-9
-------------------------------------------------------
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 इस उनवान के दूसरे पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/wiladat.html
अल्लाह तआला ने हमको बेशुमार नेमतों से नवाजा जैसे रिज़्क, पानी, हवा, आंख, कान, माँ बाप वगैरह, मगर किसी नेमत को देकर अहसान नहीं जताया लेकिन जब अपने महबूब को अता किया तो अपने बन्दों से फ़रमाया, बड़ा अहसान है कि तुम को अपना हबीब दिया।
لقد من اللہ علی المومین از بعث فہیم رسولا
तर्जुमाः- बेशक बड़ा अहसान है मुसलमानों पर कि उनमें उन ही मे से एक रसूल भेजा। #(कन्जुल ईमान)
सिर्फ़ अहसान ही नहीं जताया बल्कि अपने बन्दों को हुक्म फरमाया कि मेरी नेमत का खूब खूब चर्चा करो।
وا ما بنعمت ربک فحدث
प्यारे प्यारे सुन्नी भाइयों, इन्सान को अल्लाह तआला की जितनी बड़ी नेमत मिलती है वह उतना ही ज़्यादा खुश होता है और शुक्र अदा करता है । अल्लाह तआला की तमाम नेमतों और रहमतों में सबसे बड़ी नेमत हुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं। इसलिये आपकी विलादते पाक पर खुशी का इजहार करना और आपकी मीलाद बयान करना (यानि पैदाइश का जिक्र) इस खुशी में जलसे मुनअकिद करना, जुलूस निकालना, लंगर खिलाना, अल्लाह के हुक्म की पैरवी है और हुक्मे रब्बी को पूरा करना मोमिन की पहचान है।
खाक हो जायें अदू जलकर मगर हम तो 'रजा' ।
दम में जब तक दम है जिक्र उनका सुनाते जायेंगे ।।
रिसाला»» सुबहे शबे विलादत, पेज:8-9
-------------------------------------------------------
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
📌 इस उनवान के दूसरे पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/wiladat.html