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हुज़ूरﷺ की इजाज़त के बाद तमाम मुसलमान मदीना पहुँच गये सिर्फ वही लोग पीछे रह गये जिन्हें मक्का के काफिरों ने रोक लिया था या जो लोग जाने की ताकत नहीं रखते थे।
हुज़ूरﷺ तमाम मुसलमानों को रूख़्सत फरमाते रहें और खुद मक्के में ही रहे। कुरैश को अब लगा कि कहीं हुज़ूरﷺ भी मदीना न चले जायें और इसका अन्जाम उन्हें अच्छी तरह मालूम था इसलिये उन्होने जमा होकर आपके कत्ल की स्कीम बनाई।
इधर सरकारﷺ को अल्लाह तआला ने हिजरत का हुक्म दे दिया। रात को हुज़ूरﷺ ने अपने बिस्तर पर हज़रत अली को लिटा दिया और घर से बाहर आ गये। एक मुट्ठी मिट्टी ली और कुरआन की कुछ आयतें पढ़कर काफिरों की तरफ फेंक दी। किसी को पता भी न चला और हुज़ूरﷺ उनके बीच से
निकल आये।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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हुज़ूरﷺ तमाम मुसलमानों को रूख़्सत फरमाते रहें और खुद मक्के में ही रहे। कुरैश को अब लगा कि कहीं हुज़ूरﷺ भी मदीना न चले जायें और इसका अन्जाम उन्हें अच्छी तरह मालूम था इसलिये उन्होने जमा होकर आपके कत्ल की स्कीम बनाई।
इधर सरकारﷺ को अल्लाह तआला ने हिजरत का हुक्म दे दिया। रात को हुज़ूरﷺ ने अपने बिस्तर पर हज़रत अली को लिटा दिया और घर से बाहर आ गये। एक मुट्ठी मिट्टी ली और कुरआन की कुछ आयतें पढ़कर काफिरों की तरफ फेंक दी। किसी को पता भी न चला और हुज़ूरﷺ उनके बीच से
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