मस्अला:- खखारने (खोखारो-Hem) में अगर दो (2) हर्फ जाहिर हो, जैसे 'आह' या 'अख' या 'हख' तो अगर कोई उज्र (कारण) नहीं, तो अबस (व्यर्थ, बिला वजह) खंखारने से नमाज़ फासिद हो जाएगी. और अगर सहीह गरज़ (योग्य हेतू-Right Intention) और सहीह उज्र की वजह से खंखारा मस्लन गले में कुछ फंस गया है या बलगम (कफ-Cough) आ गया है, या आवाज़ साफ करने के लिये या इमाम की गलती पर उसे मुतनब्बेह (सावधान-Circumspect) करने के लिये खंखारा, तो नमाज फासिद नहीं होगी।
#(दुर्रे मुख़्तार; बहारे शरीअत हिस्सा-3 सफ़ा-152; फतावा रिज़वीया जिल्द-3 सफ़ा-102)
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ शाकिर अली बरेलवी रज़वी व अह्-लिया मोहतरमा
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