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◼️ हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कहीं जा रहे थे रास्ते में कुछ लोगों को ठहरे हुए देखा तो आप अपनी सवारी से उतर गए, जब हाल पूछा तो पता चला कि एक शेर आकर रास्ते पर बैठ गया है अब कोई उस रास्ते पर जाये किसकी मजाल, ये सुनकर आप शेर के पास पहुंचे और उसका कान पकड़कर फरमाया कि ये तेरी जगह नहीं चलो रास्ता छोड़ो, शेर दुम हिलाता हुआ जंगल को चला गया।
हज़रते सफीना रज़ियल्लाहु तआला अन्हु शहरे रोम में किसी जंग के मौक़े पर लश्कर से जुदा होकर एक जंगल में भटक गए, अचानक आपके सामने एक शेर आ गया आपने फरमाया कि खबरदार मैं रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का गुलाम हुँ, इतना सुनते ही वो आपके आगे आगे गुलामाना तौर पर चलने लगा और आपको लश्कर से मिलाकर वापस लौट गया।
📕 अजायबुल हैवानात, सफह 21
〽️ इससे मालूम हुआ कि शेर जैसा वहशी जानवर भी अल्लाह वालों की क़द्र समझता है जब ही तो अपनी आदत के खिलाफ उनके साथ पेश आया।
◻️ ख्वाब में शेर को देखना गोया जाबिर दुश्मन से मुकाबला है अगर ये शेर से बचकर भाग आया तो दुश्मन से निजात है अगर शेर ने हमला किया और ये बच गया तो दुश्मन सर पर आ जायेगा मगर फिर भी निजात मिल जायेगी और अगर शेर ने पछाड़ दिया तो सख्त बीमार होगा या मुसीबत में गिरफ्तार होगा या फिर मौत आने की निशानी है और अगर इसने शेर को पछाड़ दिया तो रुतबा अज़ीम होगा । युंही अगर शेर घर में आया मगर नुकसान ना पहुंचाया तो भी मर्तबे की दलील है, जिसने शेर का गोश्त खाया या शेरनी का दूध पिया तो उसे दुश्मन
पर फतहयाबी मिलेगी या कसरत से रोज़ी मिलेगी और जिसने अपनी गोद में शेर का बच्चा देखा तो उसके यहां लड़का होगा जो अमीर कबीर होगा।
📕 हयातुल हैवान, जिल्द 1, सफह 2-10
📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा, सफह 660
〽️ ख्वाब के ताल्लुक से इतना याद रखें कि जब भी कोई अच्छा ख्वाब नज़र आये तो हम्दे इलाही करें और जब कोई ऐसा ख्वाब देखें जिससे की दिल परेशान हो जाये तो फौरन सदक़ा करें कि अगर कोई मुसीबत आने वाली होगी तो इन शा अल्लाह उसके सदक़े की बदौलत मौला उस मुश्किल को आसान करेगा और मुझे ख्वाब की ताबीर का ज़्यादा इल्म नहीं है जितना किताब में दर्ज था मैंने लिख दिया लिहाज़ा इस तअल्लुक़ से सवाल ना करें, बहार हाल मुसलमान भी अल्लाह का शेर है जिसे मौला ने काफिरो के मुक़ाबले रौब और दबदबा और बेशुमार जलाल अता फरमाया है ।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ नौशाद अहमद ज़ेब रज़वी (ज़ेब न्यूज़)
🔴इस उनवान के दीगर पार्ट के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/sher-hindi.html
◼️ हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कहीं जा रहे थे रास्ते में कुछ लोगों को ठहरे हुए देखा तो आप अपनी सवारी से उतर गए, जब हाल पूछा तो पता चला कि एक शेर आकर रास्ते पर बैठ गया है अब कोई उस रास्ते पर जाये किसकी मजाल, ये सुनकर आप शेर के पास पहुंचे और उसका कान पकड़कर फरमाया कि ये तेरी जगह नहीं चलो रास्ता छोड़ो, शेर दुम हिलाता हुआ जंगल को चला गया।
हज़रते सफीना रज़ियल्लाहु तआला अन्हु शहरे रोम में किसी जंग के मौक़े पर लश्कर से जुदा होकर एक जंगल में भटक गए, अचानक आपके सामने एक शेर आ गया आपने फरमाया कि खबरदार मैं रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का गुलाम हुँ, इतना सुनते ही वो आपके आगे आगे गुलामाना तौर पर चलने लगा और आपको लश्कर से मिलाकर वापस लौट गया।
📕 अजायबुल हैवानात, सफह 21
〽️ इससे मालूम हुआ कि शेर जैसा वहशी जानवर भी अल्लाह वालों की क़द्र समझता है जब ही तो अपनी आदत के खिलाफ उनके साथ पेश आया।
◻️ ख्वाब में शेर को देखना गोया जाबिर दुश्मन से मुकाबला है अगर ये शेर से बचकर भाग आया तो दुश्मन से निजात है अगर शेर ने हमला किया और ये बच गया तो दुश्मन सर पर आ जायेगा मगर फिर भी निजात मिल जायेगी और अगर शेर ने पछाड़ दिया तो सख्त बीमार होगा या मुसीबत में गिरफ्तार होगा या फिर मौत आने की निशानी है और अगर इसने शेर को पछाड़ दिया तो रुतबा अज़ीम होगा । युंही अगर शेर घर में आया मगर नुकसान ना पहुंचाया तो भी मर्तबे की दलील है, जिसने शेर का गोश्त खाया या शेरनी का दूध पिया तो उसे दुश्मन
पर फतहयाबी मिलेगी या कसरत से रोज़ी मिलेगी और जिसने अपनी गोद में शेर का बच्चा देखा तो उसके यहां लड़का होगा जो अमीर कबीर होगा।
📕 हयातुल हैवान, जिल्द 1, सफह 2-10
📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा, सफह 660
〽️ ख्वाब के ताल्लुक से इतना याद रखें कि जब भी कोई अच्छा ख्वाब नज़र आये तो हम्दे इलाही करें और जब कोई ऐसा ख्वाब देखें जिससे की दिल परेशान हो जाये तो फौरन सदक़ा करें कि अगर कोई मुसीबत आने वाली होगी तो इन शा अल्लाह उसके सदक़े की बदौलत मौला उस मुश्किल को आसान करेगा और मुझे ख्वाब की ताबीर का ज़्यादा इल्म नहीं है जितना किताब में दर्ज था मैंने लिख दिया लिहाज़ा इस तअल्लुक़ से सवाल ना करें, बहार हाल मुसलमान भी अल्लाह का शेर है जिसे मौला ने काफिरो के मुक़ाबले रौब और दबदबा और बेशुमार जलाल अता फरमाया है ।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ नौशाद अहमद ज़ेब रज़वी (ज़ेब न्यूज़)
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